166. उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं का अर्थ और वाक्य

हम जानेंगे उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं का हिंदी अर्थ क्या होता है ? और साथ में एक वाक्य के साथ भी समझेंगे। निचे उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं का अर्थ और वाक्य दिया गया है।

मुहावरों का प्रयोग हिंदी भाषा में भाषा को प्रभावशाली , सुंदर , सरल तथा संक्षिप्त बनाने के लिए किया जाता है। यह वाक्यांश होते हैं। इनका प्रयोग करते समय इनका शब्दिक अर्थ न लेकर विशेष अर्थ को ही ले लिया जाता है। इनके विशेष अर्थों में कभी भी बदलाव नहीं होता है। ये हमेशा एक जैसे ही रहते हैं। मुहावरे का परिभाषा भी पढ़े।

उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं मुहावरा

मुहावरा – उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं

अर्थ – बेहया होना

वाक्य – रमेश की आँखों में तो उड़द पर सफेदी के बराबर भी शर्म नहीं है ।

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